अपनी साँसे तुझी से उधार ली हमने
तड़प तड़प के सही, जिंदगी गुज़ार ली हमने।
मुत्मईन थे, ना सुनेगा, ज़ख्मे दिल की सदा कोई
तसकीने दिल को फिर भी, पुकार ली हमने।
तेरे इश्क में, जो गर्दे ख़ाक था वज़ूद मेरा
अपनी हस्ती को अब, फिर से सँवार ली हमने।
बहुत चढ़ के बोला सरूरे शबाब तेरा
तेरे नशे को नशे से उतार ली हमने।
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